फरीदाबाद। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप)के चलते एक तरफ नगर निगम प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चालान काट रहा है, वहीं शहर को सही तरीके से स्वच्छ नहीं किया जा रहा है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से निकलने वाले 800 टन से अधिक कचरे को वाहनों से बंधवाड़ी प्लांट पहुंचाने वाले ठेकेदारों ने हड़ताल कर दी है। इसी के चलते इकोग्रीन के ट्रांसफर स्टेशन पर कचरा फैला है, तो शहर के खत्तों पर कचरा फैला दिखाई दे रहा है। बंधवाड़ी तक कचरा पहुंचाने वाले ठेकेदारों ने इकोग्रीन कंपनी से करीब 6 करोड़ रुपये लेने हैं, मगर कई महीनों से इनका भुगतान नहीं किया जा रहा है। अब ठेकेदारों ने काम बंद कर दिया है।
Garbage will not be lifted in Faridabad, Ecogreen contractors strike
Faridabad. On the one hand, due to the Graded Response Action Plan (Grap), the Municipal Corporation is taking action against the polluters, while challans are being cut, while the city is not being cleaned properly. The contractors who transported more than 800 tonnes of waste from various areas of the city to vehicles to Bandwadi plant have gone on strike. Due to this, garbage is spread at the transfer station of Ecogreen, then garbage is seen spreading on the barns of the city. Contractors who transport waste to Bandhwadi have to collect about 6 crore rupees from the EcoGreen company, but they are not being paid for several months. Now the contractors have stopped work.
ठेकेदारों नेघोषणा कर दी है कि जब तक भुगतान नहीं होगा, तब तक शहर का कचरा बंधवाड़ी प्लांट तक नहीं पहुंचाया जाएगा। सोमवार को सभी ठेकेदार बंधवाड़ी प्लांट पर एकत्र होकर रोष प्रदर्शन भी करेंगे।
बता दें कि दिसंबर, 2017 में इकोग्रीन ने घर-घर से कचरा उठाने का काम शुरू किया था। पहले चरण में नगर निगम के 40 में से 5 वार्डों में कचरा एकत्र किया जाने लगा था। बाद में सभी वार्डों से कचरा उठाया जाने लगा था।
इस समय शहर से रोजाना 800 टन से अधिक कचरा निकल रहा है। इसे इकोग्रीन के ट्रांसफर स्टेशन तक पहुंचाया जाता है, वहां से ठेकेदार के वाहनों में भर कर बंधवाड़ी प्लांट पहुंचाया जाता था। मगर अब रविवार को इकोग्रीन के ठेकेदारों ने भुगतान न मिलने पर घोषणा कर है कि जब तक भुगतान नहीं, तब तक काम नहीं।
ठेकेदार आजाद हरसाना ने बताया कि उन्होंने इकोग्रीन से एक करोड़ रुपये से अधिक लेने हैं। ऐसे हीऔर कई ठेकेदारों का भी इकोग्रीन ने महीनों से भुगतान नहीं किया है। इसलिए अब निर्णय लिया गया है कि जब तक भुगतान नहीं होगा, उनके वाहन कचरे को बंधवाड़ी तक नहीं पहुंचाएंगे।
प्रभावित नहीं होने देंगे काम
निगमायुक्त डा. यश गर्ग ने बताया कि उन्हें जानकारी नहीं है कि इकोग्रीन के ठेकेदारों का भुगतान नहीं हुआ है। वह इस बारे में कंपनी के अधिकारियों से बातचीत करेंगे। कोशिश की जाएगी कि काम पर असर न पड़े। कन्फेडरेशन आफ आरडब्ल्यूए के चेयरमैन एनके गर्ग ने कहा कि निगम प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता ले, तभी स्वच्छता अभियान को बल मिलेगा और शहर स्वच्छ रहेगा।